Saturday, 17 September 2016

मै इतना बेचैन ना होता

काश प्यार ना होता
तो मै इतना बेचैन ना होता

ना आती याद
सकुन से गजरती रात
प्यार का ना बुझता
दीया आज
      काश प्यार ना होता
      तो मै इतना बेचैन ना होता

कटती रातें
ना सताती ओ उसकी बाते
ना परेशान ये दिल होता
ना आज मैं रोता
        काश प्यार ना होता
      तो मै इतना बेचैन ना होता

गल्लती हुई
प्यार हुआ
सामने ओ आते
धडक धडक से
ये दिल धडकने लेता
      काश प्यार ना होता
      तो मै इतना बेचैन ना होता

नागेश शेषराव टिपरे
मु.पो:-खडकी ता.दौंड जि.पुणे
मो.नं:-८६००१३८५२

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